December 23, 2024

धीरेंद्र शास्त्री को BJP नेता ने दी चुनौती: सोच समझकर आशीर्वाद देने की दी हिदायत, विवाद बढ़ने पर कहा- मुझे आपके चरणों में थोड़ा सा स्थान मिले

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक तरफ सनातन हिंदू एकता पदयात्रा कर रहे हैं जिसमें भाजपा नेता से लेकर एक्टर और साधु-संत उनका समर्थन कर रहे हैं। लेकिन इस बीच गुना के भाजपा जिला उपाध्यक्ष हीरेंद्र सिंह बंटी बना ने उन्हें लेकर चुनौती दी थी। जिसके बाद ब्राह्मण समाज ने इस पर आपत्ति जताई थी। अब अपने किए पर पछतावा व्यक्त करते हुए उन्होंने माफी मांगी है। साथ ही ‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा राघौगढ़ क्षेत्र में आयोजित करने का निवेदन किया है।

धीरेन्द्र शास्त्री को दी थी खुली चुनौती

दरअसल, दो दिन पहले भाजपा जिला उपाध्यक्ष हीरेंद्र सिंह बंटी बना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर लिखा था “धीरेन्द्र शास्त्री को मेरी खुली चुनौती। आप जयवर्धन के साथ हो, यह अच्छी बात है, लेकिन एक बार वो साधु जी महाराज और सन्यासी बाबा से पूछ लेते सत्य मार्ग पे कौन है?”

सोच समझकर आशीर्वाद देने की दी थी हिदायत

बीजेपी नेता ने आगे लिखा था, “महाराज जी सोच समझ कर आशीर्वाद दिया करो। मैं भी सनातनी हूं और कट्टर हूं। चाहो तो संपर्क कर लो। मैं भी बड़े उच्च गुरु से दीक्षित हूं। अब धीरेन्द्र जी इससे आगे मत जाना, नहीं तो?” हालांकि, कुछ ही समय बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई थी।

बाद में डिलीट कर दिया पोस्ट

बंटी बना ने पहले तो धीरेंद्र शास्त्री को लेकर अपनी राय लिख दी। लेकिन कुछ देर बाद ही इसे डिलीट कर दिया। उन्होंने कहा कि वह लिखना कुछ और चाह रहे थे। वह यह संदेश देना चाहते थे कि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री सभी सनातनियों को समान रूप से आशीर्वाद दें, न कि किसी को अधिक और किसी को कम। शब्दों का चयन किया गया था, वह गलत था और इसीलिए उसे डिलीट कर दिया गया।

मुझे आपके चरणों में थोड़ा सा स्थान मिले

रविवार को ब्राह्मण समाज द्वारा उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई गई थी। जिसके बाद अब उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए माफी मांगी। उन्होंने लिखा, “वह उनकी व्यक्तिगत राय थी, और इसके लिए खेद प्रकट करते हैं।” अगली पोस्ट में उन्होंने लिखा, “परम आदरणीय गुरुदेव, बागेश्वर धाम पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज, सादर चरण स्पर्श। गुरुदेव, आपके श्रीचरणों की वंदना करते हुए मेरा हृदय श्रद्धा और भक्ति से पूर्ण हो जाता है। आप जैसे दिव्य पुरुष के सान्निध्य में आना, हम जैसे छोटे भक्तों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। मेरी एकमात्र अभिलाषा है कि मुझे आपके चरणों में थोड़ा सा स्थान मिले, जिससे मैं अपने जीवन को सार्थक बना सकूं।